जगदीश प्रसाद ‘जग्गू नौड़ियाल’ (Jagdeesh Prasad ‘Jaggu Naudiyal’ )
(माताः श्रीमती चन्दनी देवी, पिताः स्व. चैतराम नौड़ियाल)
जन्मतिथि : 10 अक्टूबर 1940
जन्म स्थान : भीमली, पैडुल्स्यूं
पैतृक गाँव : भीमली जिला : पौड़ी
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : एम.ए., डी.फिल.
प्राथमिक शिक्षा- प्राथमिक विद्यालय, घोड़ीखाल
जूनियर हाईस्कूल- जू. हाईस्कूल, कंडारा
हाईस्कूल- रा.इ.का., लैंसडौन
इण्टर- रा.इ.का., उत्तरकाशी
स्नातक- गढ़वाल वि.वि., श्रीनगर
स्नातकोत्तर- गढ़वाल वि.वि., श्रीनगर
पी.एचडी- गढ़वाल वि.वि.
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः ढाई वर्ष की उम्र में माँ के देहान्त के बाद कठिन बाधाओं का सामना करते हुए पढ़ाई जारी रखी।
प्रमुख उपलब्धियाँ : शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार (1987-88); राष्ट्रीय सहस्राब्दि हिन्दी सम्मान (पानीपत-2000) पद्मश्री डा. लक्ष्मीनारायण दुबे सम्मान (पानीपत-2001)। रचनाओं में गीतु की गाड़ (1963), समलौण (1979), मुनाल का पड़ोस (1985), कामधेनु की जर्जर काया (2003) प्रसिद्ध हैं।
युवाओं के नाम संदेशः इस उत्तरांचल नाम की सुषमाशाली प्रकृतिप्रदत्त वाटिका के नव निर्माण में युवा वर्ग की भूमिका ही इसकी आधारशिला तथा पथ तय करती है। युवाओं का कर्तव्य है कि प्रकृति के इस वैभवपूर्ण भण्डार के अभिवर्धन, संवर्धन तथा संचालन के लिए आगे आएँ।
विशेषज्ञता : लोक साहित्य।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।
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